Rakesh rakesh

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लेखनी प्रतियोगिता -12-Jan-2023 जन्मदिन मुबारक हो

राजस्थान में एक ऐसा गांव था जहां जब किसी के भी घर में लड़के का जन्म होता था तो पूरा गांव खुशियां मनाता था, क्योंकि उस गांव को  वंश के अंत का श्राप मिला हुआ था। यह श्राप एक सदी पहले किसी सिद्ध साधु ने दिया था। गांव के लोगों ने उस सिद्ध साधु को पाखंडी और ढोंगी समझकर उस सिद्ध साधु का बहुत अपमान किया था। इसलिए उस गांव में जब भी किसी के भी पुत्र का जन्मदिन होता था तो उसकी आयु लंबी होने के लिए पूजा रखी जाती थी और पूरा गांव मिलकर गरीबों और गांव वालों के लिए भंडारे का आयोजन करता था।


 इसी गांव में उदय सिंह नाम का एक व्यक्ति रहता था। उसकी पांच  लड़कियां थी वह और उसकी पत्नी मीरा अपनी पांचों बेटियों से बहुत प्यार करते थे। जब भी किसी भी बेटी के जन्मदिन की तारीख आती थी तो वह उस बेटी का जन्मदिन अपनी पत्नी के मायके में मनाता था, क्योंकि गांव के लोगों का यह भी मानना था कि  लड़कियों का लंबी आयु और उज्जवल भविष्य के लिए जन्मदिन मनाने से सिद्ध साधु के श्राप को और अधिक बल मिलेगा।

 उदय सिंह की सबसे छोटी बेटी का जन्मदिन आने वाला था। उसकी छोटी बेटी  जिसका नाम पद्मावती था। जिद पर अड़ जाती है कि मैं अपना जन्मदिन अपनी सहेलियों के साथ घर पर ही मनाऊंगी। सबसे छोटी बेटी के जन्मदिन से एक दिन पहले उसकी मां मीरा छोटी बेटी पद्मावती को सिद्ध साधु के श्राप की पूरी कहानी सुनाती है। सिद्ध साधु की पूरी कहानी सुनने के बाद छोटी बेटी पद्मावती ननिहाल में जन्मदिन मनाने के लिए राजी हो जाती है। लेकिन उस दिन मां से कहती है कि "एक दिन देखना मां पूरा गांव बोलेगा यह पद्मावती के जन्मदिन की तारीख है। और पूरा गांव मेरा जन्मदिन धूमधाम से मनाएगा।

 पद्मावती की चारों बहनों की शादी हो जाती है। लेकिन पद्मावती शादी से इनकार करके आगे की पढ़ाई करने शहर की कॉलेज में दाखिला ले लेती है। पद्मावती पढ़ाई में बहुत होशियार थी, इसलिए उसका चयन एयर फोर्स में पायलट के रूप में हो जाता है। 

उन्हीं दिनों दुश्मन देश हमारे देश पर आतंकवादी हमले तेज कर देता है। सरकार दुश्मन देश के अंदर आतंकवादी ठिकानों पर हमला करने का फैसला लेती है। देश की एयर फोर्स लड़ाकू विमान से आतंकवादी शिविरों पर हमले करने के लिए 5 लड़ाकू विमानों के पायलटों को चुनती है। उनमें एक नाम पद्मावती का भी होता है।

 पद्मावती आतंकवादी ठिकानों का नाश करने के साथ-साथ अपने लड़ाकू विमानों को भी बचा कर देश में वापस ले आती है। लेकिन पद्मावती के लड़ाकू विमान में आग लग जाती है। और उसका लड़ाकू विमान हिमालय पर्वत के जंगलों में दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है। इस विमान दुर्घटना में पद्मावती का बाएं हाथ ज्यादा घायल होने की वजह से डॉक्टर को पद्मावती का बाया हाथ शरीर से काट कर अलग करना पड़ता है।

 26 जनवरी के दिन देश के राष्ट्रपति देश के सबसे बड़े वीरता सम्मान से पद्मावती को सम्मानित करते हैं। लेकिन जब पद्मावती अपने गांव वापस आती है, तो उसका  स्वागत तो होता है फिर भी गांव के कुछ लोग कहते हैं कि अगर यह लड़का होती तो और ज्यादा खुशी होती।

 कुछ साल बाद एक राजनीतिक पार्टी पद्मावती को क्षेत्र के चुनाव में अपना उम्मीदवार चुन लेती है। और पद्मावती भारी बहुमत से चुनाव जीत जाती है। पद्मावती की छवि साफ-सुथरी थी इसलिए वह राजनीतिक पार्टी उसे राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त कर देती है।

 राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद पद्मावती राज्य के विकास के साथ-साथ अपने गांव  का भी विकास करती है। अपने गांव में विद्यालय अस्पताल बनवाती है। सिंचाई बिजली परिवहन आदि सुविधा भी कर देती है। गांव के विकास के बाद गांव के लोगों में जागरूकता आ जाती है। और उनके जीवन में खुशियां भी आ जाती है।

  गांव वालों को अंधविश्वास से दूर करने के लिए पद्मावती गांव में ही अपना जन्मदिन मनाती है। जन्मदिन दिन वाले दिन मंदिर में पूजा करके अपने गांव और आसपास के गांव के लोगों के लिए एक बड़े भोज का आयोजन करती है। और मंच पर गांव वालों को भाषण देकर कहती है "अंधविश्वास को छोड़ो संसार के साथ आगे बढ़ो।" विकास की वजह से गांव वाले जागरूक हो गए थे, इसलिए  पद्मावती की बातों से उनकी आंखें खुल जाती है। फिर गांव के लोग कहते हैं "एक सदी बाद किसी बेटी का जन्मदिन गांव में मनाया गया है। हम सब पद्मावती के जन्मदिन की तारीख याद रखेंगे। फिर अपने माता-पिता और चारों बहनों से मंच पर खड़े होकर माइक में पद्मावती अपने जन्मदिन की तारीख बता कर कहती है "यह मेरे जन्मदिन की तारीख है।"

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4 Comments

प्रिशा

04-Feb-2023 08:46 PM

Behtarin rachana

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madhura

13-Jan-2023 03:32 PM

beautiful story

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Mahendra Bhatt

13-Jan-2023 10:08 AM

शानदार

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